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SA खान की स्पेशल रिपोर्ट: पुलिस की फायरिंग का LIVE VIDEO, पढ़िए संभल मामले की पटकथा और हिंसा पर किसने क्या कहा ?

SA Khan Special Report UP Sambhal Jama Masjid Survey Violence LIVE Video: राजीव ध्यानी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर नदीम ख़ान की लिखी पोस्ट का हवाला देकर लंबा ट्वीट करते हैं….

जामा मस्जिद, संभल जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है, संभल के सबसे पुराने स्मारकों में से एक है. यह मस्जिद 1528 में सम्राट बाबर के आदेश के तहत मीर बेग द्वारा बनाई गई थी. यह बात इसे और भी ऐतिहासिक बनाती है.

हम यहाँ पाँच सौ साल से नमाज़ पढ़ रहे हैं. अचानक 19 नवंबर को ज़िला न्यायालय एक उस आदमी की याचिका पर सर्वे करने का फ़ैसला सुना देता है, जो रहता लखनऊ में है और बनारस, मथुरा से लेकर 100 मस्जिदों के ख़िलाफ़ याचिका लगाए हुए है

ऑर्डर में एक हफ़्ते का टाइम दिया जाता है, लेकिन बग़ैर मुस्लिम पक्ष को सूचित किए हुए एक घंटे के अंदर पुलिस प्रशासन दल बदल के साथ जाता है. दो घंटे का सर्वे होता है, उसके बाद ऑर्डर की कॉपी मुस्लिम पक्ष के हाथ लगती है.

बरहाल सर्वे होता है. कोई हो हल्ला नहीं. इसके बाद मुस्लिम पक्ष की कई मीटिंग होती है. हाई कोर्ट का मामला तय होता है. अचानक आज सुबह एक जुलूस के साथ नारे लगाते हुए भीड़ के साथ सर्वे टीम आती है.

नारे बाज़ी चलती है. उत्तेजक नारे लगाये जाते हैं और विवाद की शुरुआत होती है. उसके बाद कमान सम्भालते है SO, जिनके वीडियो आप डायरेक्ट फायर करते हुए देख सकते हैं. लगता है, कि वे सीमा पर खड़े हैं.

पुलिस वाले साहब दावा कर रहे हैं, कि जो लोग गोली से मारे गये, उनकी जेब में चाकू था. ये उसी पुलिस कंपनी के आदमी हैं, जो दो दिन पहले मुस्लिम महिलाओं के वोट डालने पर रिवॉल्वर तान देता है.

उधर एसपी साहब कहते हैं, कि हमे चाहे 500 घर गिराने पड़ें , हम सबक़ सिखा देंगे. कमिश्नर बाबू कहते हैं, कि पहले हमने लाठी चलाई, फिर रबर की गोली, फिर बुलेट.

https://twitter.com/SalmanNizami_/status/1860914142565306516

दावे सब हवाई हैं. सीधे गोली चली है. कमिश्नर वही हैं, जो पहले रामपुर में डीएम थे और यूनिवर्सिटी का गेट गिरा रहे थे.

एसपी कह रहे हैं, कि सब पर एनएसए लगाएंगे. तो वे यह बताएं, कि सर्वे टीम के साथ जयकारा लगाने गई टीम पर क्या कार्रवाई हुई है. अब तक एक आध धारा भी लगी हो, तो गिनाएं.

संभल के लोगो के साथ हम सब खड़े हैं. जो जेल जाएँगे, उन्हें तो छुड़ा कर लाएंगे ही. साथ ही अगर एक आध परिवारों के लोग हिम्मत करें, तो इन गोलीबाज़ पुलिसवालों को सालोंसाल अदालत के चक्कर लगवा देंगे और हालात बदलने पे वर्दी भी टँगवा देंगे.

संभल की हिंसा पूर्व नियोजित

संभल की हिंसा पूर्व नियोजित है. पुलिस और प्रशासन इसके लिए ज़िम्मेदार है. पीड़ित को दंगाई बताने वाली मीडिया से प्रभावित होकर अगर कोई वही बात दोहराता है तो इसका भी विरोध होगा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में कई वीडियो हैं जिनमे से एक वीडियो ये है

इस मामले में सपा प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में कहा कि सर्वे तो मंगलवार में हो गया था l फिर रविवार को दुबारा सर्वे की क्या जरूरत थी? सर्वे करने के लिए कोई भीड़ के साथ उग्र नारे लगाते हुए जाता है l स्पष्ट है कि सम्भल में जानबूझकर सुनियोजित तरीके से बवाल कराया गया l जब सरकार ही खुद बवाल कराने पर उतारू हो तो उसे रोके कौन”

 

शासन ही जब पक्षपाती होकर ऐसी भड़काने वाली करवाई में शामिल रहेगा दंगाई के साथ नफ़रती तत्वों के साथ रहेगा तो मुल्क के अमनो अमान का ईश्वर ही मालिक रहेगा प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट का क्या मतलब जिसमें कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को बाबरी मस्जिद के छोड़कर शेष धार्मिक स्थलों के स्वरूप में परिवर्तन नहीं होगा तो कैसे ये लोअर कोर्ट /ज़िला अदालते अनुमति दे रही है इसके लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट श्री चंद्र चूड़ के साथ शासन प्रशासन भी ज़िम्मेदार है।

तुझ को कितनों का लहू चाहिए ऐ अर्ज़-ए-वतन?

जो तिरे आरिज़-ए-बे-रंग को गुलनार करें

कितनी आहों से कलेजा तिरा ठंडा होगा

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