SA Khan Special Report UP Sambhal Jama Masjid Survey Violence LIVE Video: राजीव ध्यानी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर नदीम ख़ान की लिखी पोस्ट का हवाला देकर लंबा ट्वीट करते हैं….
संभल मामले पर नदीम खान लिखते हैं:
जामा मस्जिद, जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है, संभल के सबसे पुराने स्मारकों में से एक है. यह मस्जिद 1528 में सम्राट बाबर के आदेश के तहत मीर बेग द्वारा बनाई गई थी. यह बात इसे और भी ऐतिहासिक बनाती है.
हम यहाँ पाँच सौ साल से नमाज़ पढ़ रहे हैं.…
— Rajeev Dhyani•राजीव•راجیو•ਰਾਜੀਵ•রাজীব•రాజీవ్ (@rajeevdhyani) November 24, 2024
जामा मस्जिद, संभल जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है, संभल के सबसे पुराने स्मारकों में से एक है. यह मस्जिद 1528 में सम्राट बाबर के आदेश के तहत मीर बेग द्वारा बनाई गई थी. यह बात इसे और भी ऐतिहासिक बनाती है.
हम यहाँ पाँच सौ साल से नमाज़ पढ़ रहे हैं. अचानक 19 नवंबर को ज़िला न्यायालय एक उस आदमी की याचिका पर सर्वे करने का फ़ैसला सुना देता है, जो रहता लखनऊ में है और बनारस, मथुरा से लेकर 100 मस्जिदों के ख़िलाफ़ याचिका लगाए हुए है
ऑर्डर में एक हफ़्ते का टाइम दिया जाता है, लेकिन बग़ैर मुस्लिम पक्ष को सूचित किए हुए एक घंटे के अंदर पुलिस प्रशासन दल बदल के साथ जाता है. दो घंटे का सर्वे होता है, उसके बाद ऑर्डर की कॉपी मुस्लिम पक्ष के हाथ लगती है.
बरहाल सर्वे होता है. कोई हो हल्ला नहीं. इसके बाद मुस्लिम पक्ष की कई मीटिंग होती है. हाई कोर्ट का मामला तय होता है. अचानक आज सुबह एक जुलूस के साथ नारे लगाते हुए भीड़ के साथ सर्वे टीम आती है.
संभल में मंदिर के नाम पर जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने बिना दूसरे पक्ष को सुने याचिका को मंज़ूर कर लिया, सर्वे का आदेश भी दे दिया। दो घंटे में सर्वे शुरू भी हो गया और रिपोर्ट भी बन गई। इतनी जल्दबाज़ी की क्या ज़रूरत थी?@RajatSharmaLive @indiatvnews pic.twitter.com/vtvYX6RCiY
— The Report Hindi (@TheReportHindi) November 24, 2024
नारे बाज़ी चलती है. उत्तेजक नारे लगाये जाते हैं और विवाद की शुरुआत होती है. उसके बाद कमान सम्भालते है SO, जिनके वीडियो आप डायरेक्ट फायर करते हुए देख सकते हैं. लगता है, कि वे सीमा पर खड़े हैं.
पुलिस वाले साहब दावा कर रहे हैं, कि जो लोग गोली से मारे गये, उनकी जेब में चाकू था. ये उसी पुलिस कंपनी के आदमी हैं, जो दो दिन पहले मुस्लिम महिलाओं के वोट डालने पर रिवॉल्वर तान देता है.
उधर एसपी साहब कहते हैं, कि हमे चाहे 500 घर गिराने पड़ें , हम सबक़ सिखा देंगे. कमिश्नर बाबू कहते हैं, कि पहले हमने लाठी चलाई, फिर रबर की गोली, फिर बुलेट.
https://twitter.com/SalmanNizami_/status/1860914142565306516
दावे सब हवाई हैं. सीधे गोली चली है. कमिश्नर वही हैं, जो पहले रामपुर में डीएम थे और यूनिवर्सिटी का गेट गिरा रहे थे.
एसपी कह रहे हैं, कि सब पर एनएसए लगाएंगे. तो वे यह बताएं, कि सर्वे टीम के साथ जयकारा लगाने गई टीम पर क्या कार्रवाई हुई है. अब तक एक आध धारा भी लगी हो, तो गिनाएं.
संभल के लोगो के साथ हम सब खड़े हैं. जो जेल जाएँगे, उन्हें तो छुड़ा कर लाएंगे ही. साथ ही अगर एक आध परिवारों के लोग हिम्मत करें, तो इन गोलीबाज़ पुलिसवालों को सालोंसाल अदालत के चक्कर लगवा देंगे और हालात बदलने पे वर्दी भी टँगवा देंगे.
संभल की हिंसा पूर्व नियोजित
संभल की हिंसा पूर्व नियोजित है. पुलिस और प्रशासन इसके लिए ज़िम्मेदार है. पीड़ित को दंगाई बताने वाली मीडिया से प्रभावित होकर अगर कोई वही बात दोहराता है तो इसका भी विरोध होगा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में कई वीडियो हैं जिनमे से एक वीडियो ये है
सर्वे तो मंगलवार में हो गया था l फिर रविवार को दुबारा सर्वे की क्या जरूरत थी? सर्वे करने के लिए कोई भीड़ के साथ उग्र नारे लगाते हुए जाता है l स्पष्ट है कि सम्भल में जानबूझकर सुनियोजित तरीके से बवाल कराया गया l जब सरकार ही खुद बवाल कराने पर उतारू हो तो उसे रोके कौन?
— Rajkumar Bhati (@rajkumarbhatisp) November 25, 2024
इस मामले में सपा प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में कहा कि सर्वे तो मंगलवार में हो गया था l फिर रविवार को दुबारा सर्वे की क्या जरूरत थी? सर्वे करने के लिए कोई भीड़ के साथ उग्र नारे लगाते हुए जाता है l स्पष्ट है कि सम्भल में जानबूझकर सुनियोजित तरीके से बवाल कराया गया l जब सरकार ही खुद बवाल कराने पर उतारू हो तो उसे रोके कौन”
क्या रे भोसडीके @Vishnu_Jain1
तू सरकारी वकील है और मस्जिद मामलें में सरकारी सर्वे कमेटी का मेम्बर भी है ये बता तू सर्वे करने गया था या विवादास्पद नारे लगाने? pic.twitter.com/8aDlrCxi5v— 🚩महा राज🚩 (पूर्व गालीबाज अध्यक्ष) (@LNT__maharaj__) November 25, 2024
संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 25, 2024
सरकारी गोलियाँ बहुजनों पर सीधे चलती हैं। यह कोई मिथक नहीं, बल्कि एक कटु सत्य है, जिसे हमसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता। चाहे वह एससी/एसटी आंदोलन हो, किसान आंदोलन हो या सीएए विरोधी आंदोलन—हर बार सरकार के इशारे पर पुलिस ने निहत्थे आंदोलनकारियों पर सीधी गोली चलाकर हमारे लोगों की जान ली… pic.twitter.com/qVKaRXSJjf
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) November 24, 2024
शासन ही जब पक्षपाती होकर ऐसी भड़काने वाली करवाई में शामिल रहेगा दंगाई के साथ नफ़रती तत्वों के साथ रहेगा तो मुल्क के अमनो अमान का ईश्वर ही मालिक रहेगा प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट का क्या मतलब जिसमें कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को बाबरी मस्जिद के छोड़कर शेष धार्मिक स्थलों के स्वरूप में परिवर्तन नहीं होगा तो कैसे ये लोअर कोर्ट /ज़िला अदालते अनुमति दे रही है इसके लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट श्री चंद्र चूड़ के साथ शासन प्रशासन भी ज़िम्मेदार है।
तुझ को कितनों का लहू चाहिए ऐ अर्ज़-ए-वतन?
जो तिरे आरिज़-ए-बे-रंग को गुलनार करें
कितनी आहों से कलेजा तिरा ठंडा होगा














