बिलासपुर। एक बेदह ही चौकाने वाला मामला सामने आया है. जहां एक युवक ने अपनी पत्नी के सांवले रंग के कारण हाईकोर्ट में तलाक लेने के लिए याचिका लगाई थी. हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
बता दें कि, युवक ने तलाक के लिए बलौदाबाजार फैमिली कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद युवक हाईकोर्ट जा पहुंचा। मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक कुमार तिवारी और जस्टिस गौतम भादुड़ी की खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। पति की दलील थी कि पत्नी ने बिना कारण उसका घर छोड़ दिया और कई प्रयासों के बावजूद वापस नहीं आई. दूसरी तरफ पत्नी ने कोर्ट को बताया कि पति रंग को लेकर उसका मजाक उड़ाता था और उसके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करता था. उसके अत्याचारों से त्रस्त होकर वह अलग रहने लगी.
कोर्ट का कहना है कि, सांवली के मुकाबले गोरी त्वचा को प्राथमिकता देने की समाज की मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए पति को प्रोत्साहन नहीं दिया जा सकता. समाज में रंग के आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव खत्म करने की जरूरत है. कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए ये भी कहा कि, सांवली महिलाओं को गोरी महिलाओं के मुकाबले कमतर आंका जाता है.
कोर्ट ने सांवली त्वचा के कारण पत्नी से तलाक की अर्जी पर सुनवाई के दौरान फेयरनेस क्रीम इंडस्ट्री को भी टारगेट किया. साथ ही कहा कि त्वचा के रंग के लिए समाज में बदलाव की जरूरत है, जिसकी शुरुआत हमारे घर से होनी चाहिए.