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Raipur AIIMS Sexual Harassment: AIIMS के डॉक्टर पर बैड टच का आरोप, महिला मरीज ने कहा- गंदी बातचीत और अश्लीलता की

Raipur AIIMS Sexual Harassment: रायपुर एम्स के डॉक्टर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। उसने एक महिला मरीज, दो जूनियर डॉक्टरों के सीने और शरीर के कई अन्य हिस्सों को छुआ है।

Raipur AIIMS Sexual Harassment: पीड़ितों ने एम्स में शिकायत की, जिसमें एम्स की आंतरिक समिति की रिपोर्ट में उसे दोषी पाया गया है। लेकिन इसके बावजूद एम्स प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में प्रबंधन को बताया कि वह गठिया नामक बीमारी से पीड़ित है। जिसके इलाज के लिए वह जनवरी 2022 से एम्स के पीएमआर विभाग में इलाज करा रही थी। फिर वह इलाज के लिए डॉ. की ओपीडी में गई।

Raipur AIIMS Sexual Harassment: इस दौरान डॉ. ने उसके साथ गंदी हरकत की। आगे पीड़िता ने बताया कि डॉक्टर ने उसके सीने को गलत तरीके से छुआ। जिसके बाद उसने पीएमआर विभाग जाना बंद कर दिया।

निजी बात पूछकर की टिप्पणी

पीड़िता का आरोप है कि इलाज के दौरान डॉक्टर ने उससे निजी बातचीत की। फिर पारिवारिक बात जानने के बाद उस पर टिप्पणी करने लगा। पीड़िता का कहना है कि डॉक्टर को दूसरी महिलाओं के साथ ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने 10 दिसंबर 2024 को इस मामले की शिकायत की और कार्रवाई की मांग की।

महिला डॉक्टरों के साथ भी की गंदी हरकतें

इस मामले में दो महिला डॉक्टरों ने भी डॉ. के खिलाफ शिकायत की है। यह शिकायत मई 2024 से सितंबर 2024 के आसपास की गई थी। पहली शिकायत में महिला डॉक्टर ने बताया कि डॉ. ने विभाग के अंदर जबरन उसका हाथ पकड़ा।

फिर उसने उसके सीने और कई गलत जगहों को छुआ। इस दौरान उसने अश्लील बातचीत करने की भी कोशिश की। इसके अलावा उस पर एक अन्य महिला डॉक्टर के साथ भी गंदी हरकतें कर परेशान करने का आरोप है। उसका मानसिक और यौन उत्पीड़न किया गया।

समिति की जांच में पाया गया दोषी

इस मामले में एम्स प्रबंधन ने 8 सदस्यों की एक आंतरिक समिति बनाई थी। इस समिति की 2 जांच रिपोर्ट में डॉ. को दोषी पाया गया है। समिति ने उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है।

इसके अलावा एक अन्य जांच में समिति ने पीड़िता को कानूनी कार्रवाई करने की सलाह दी है। हालांकि इस रिपोर्ट में उन्हें दोषी नहीं पाया गया है।

डॉक्टर बोले- जांच पूरी नहीं हुई है

इस मामले में डॉ. से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया। तो उन्होंने कहा कि मामले में अभी जांच चल रही है। फिर उन्होंने मोबाइल की बजाय लैंडलाइन से कॉल करने की बात कहकर फोन काट दिया।

इस मामले में एम्स के जनसंपर्क अधिकारी से भी संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

थाने तक नहीं पहुंची शिकायत

इस मामले में आमानाका पुलिस का कहना है कि फिलहाल थाने तक ऐसी कोई शिकायत नहीं पहुंची है। अगर ऐसा कोई मामला पुलिस के संज्ञान में आता है तो तत्काल जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

यौन उत्पीड़न 3 तरह से होता है

शारीरिक यौन शोषण में छूना, गले लगाना, चूमना और रास्ता रोकना जैसी हरकतें शामिल हैं।

मौखिक यौन शोषण में अश्लील बातें, अश्लील चुटकुले, अश्लील टिप्पणियां, धमकी, यौन संबंध बनाने की मांग करना या कपड़ों और शरीर पर भद्दी टिप्पणियां करना शामिल है।

यौन उत्पीड़न प्रतीकात्मक भी हो सकता है। जैसे घूरना, अश्लील इशारे करना, अश्लील आवाजें निकालना और फोन या कंप्यूटर पर अश्लील तस्वीरें दिखाना।

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