Rahul Gandhi Meet Sambhal Violence Victim Muslim Family In Delhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को दिल्ली में उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा में मारे गए 4 युवकों के परिजनों से मुलाकात की। यह मुलाकात सोनिया गांधी के आवास पर हुई। कांग्रेस ने एक्स पर तस्वीरें पोस्ट की हैं।
लिखा- संभल की घटना भाजपा की घृणित राजनीति का दुष्परिणाम है और यह शांतिपूर्ण समाज के लिए घातक है। हमें मिलकर इस हिंसक और घृणित मानसिकता को प्रेम और भाईचारे से हराना है। हम सभी पीड़ितों के साथ खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे।
4 दिसंबर को राहुल-प्रियंका दिल्ली से संभल जाने के लिए निकले थे। लेकिन, गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें 10 दिसंबर तक संभल में धारा 163 लागू होने का हवाला देते हुए रोक लिया। राहुल करीब 3 घंटे यूपी गेट पर रुके। पुलिस से रस्साकशी के बाद राहुल दिल्ली लौट गए।
24 नवंबर को संभल में कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था। इस दौरान हिंसा भड़क गई जिसमें बिलाल, रुमान, अयान और कैफ की गोली लगने से मौत हो गई।
इमरान मसूद ने कहा- राहुल ने उनके साथ खड़े रहने का वादा किया
सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद ने कहा, ‘संभल हिंसा के पीड़ितों ने आज शाम दिल्ली में 10 जनपथ पर राहुल गांधी से मुलाकात की। पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं। राहुल ने परिवार से कहा कि अगर उन्हें कोई परेशानी आती है तो वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।’
नरवाल ने कहा- संभल में सरकार ने हत्या करवाई
कांग्रेस नेता प्रदीप नरवाल ने कहा, ‘राहुल गांधी और प्रियंका गांधी परिवार के साथ खड़े हैं। पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है। संभल में जो हुआ वह बिल्कुल गलत है। लोग कहते हैं कि मौतें हुई हैं, लेकिन ये मौतें नहीं बल्कि सरकार द्वारा की गई हत्याएं हैं।’
उन्होंने बताया कि परिवार से करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। सभी परिवारों के 11 सदस्य वहां मौजूद थे, उन्होंने अपना दर्द साझा किया। हमने संभल जाने की कोशिश की, लेकिन हमें रोक दिया गया।
आज परिवार यहां आया। यह दर्द का रिश्ता है। राहुल जी और प्रियंका जी आने वाले दिनों में पीड़ितों के साथ खड़े रहेंगे और उनकी हरसंभव मदद करेंगे।
पहला सर्वे 19 नवंबर को, हिंसा 24 नवंबर को भड़की
हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को संभल जिला न्यायालय में याचिका दायर की थी। 95 पन्नों की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताबों और एक रिपोर्ट को आधार बनाया। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है।
संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नरी सर्वे का आदेश दिया। इस आदेश के कुछ घंटे बाद ही कमिश्नरी टीम ने उसी दिन सर्वे कर लिया। कोर्ट ने एक हफ्ते में सर्वे रिपोर्ट मांगी। जामा मस्जिद पक्ष ने सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की है।
24 नवंबर को दूसरे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई
24 नवंबर, रविवार को सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ टीम फिर से सर्वे करने जामा मस्जिद पहुंची। टीम को देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए।
पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। हिंसा में 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए। 4 युवकों की जान चली गई।