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फिर मणिपुर खूनी हिंसा की ओर ? उखरुल में हिंसा में 3 की मौत, 500 दिन में 237 मौतें, 1500 से ज्यादा जख्मी, 60 हजार घर तबाह

Manipur Violence Update Three Killed Ukhrul Clash In Naga Community: मणिपुर के उखरुल जिले में बुधवार को नागा समुदाय के दो पक्षों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई। 10 से अधिक घायल हैं।

पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163, 2023 की उपधारा 1 के तहत इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अगले आदेश तक लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक है।

पुलिस ने बताया कि दोनों पक्ष नागा समुदाय के हैं, लेकिन हुनफुन और हंगपुंग नाम के दो अलग-अलग गांव हैं। दोनों पक्ष अपनी जमीन पर अपना दावा करते हैं। स्वच्छता अभियान के तहत विवादित जमीन की सफाई को लेकर दोनों पक्षों के बीच हिंसा भड़क उठी। इलाके में असम राइफल्स को तैनात किया गया है।

चुराचांदपुर में उग्रवादी को गोली मारी गई

दूसरी ओर, मंगलवार को चुराचांदपुर जिले के लीशांग गांव के पास अज्ञात लोगों ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के टाउन कमांडर की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान जिले के कपरांग गांव निवासी सेखोहाओ हाओकिप के रूप में हुई।

पुलिस ने बताया कि मृतक यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (यूकेएनए) का सदस्य था। घटना कल सुबह 12:15 बजे चुराचांदपुर के तोरबंग बंगले से करीब 1.5 किलोमीटर दूर हुई। पुलिस ने हाओकिप के शव को चुराचांदपुर मेडिकल कॉलेज के शवगृह में रखवा दिया है।

थौबल में 48 घंटे का बंद, जनजीवन प्रभावित

इस बीच, मणिपुर के थौबल जिले में उग्रवादियों द्वारा दो युवकों के अपहरण के विरोध में ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने 48 घंटे के बंद का आह्वान किया था। इसके चलते मंगलवार 1 अक्टूबर को सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा।

पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने 27 सितंबर को दो स्थानीय युवकों का अपहरण किया था। इसे लेकर जेएसी ने 1 अक्टूबर को सुबह 3 बजे से बंद का आह्वान किया है।

जेएसी ने 30 अक्टूबर की रात तक युवकों की रिहाई नहीं होने पर जिले में विरोध प्रदर्शन और पूर्ण बंद की धमकी दी थी। सोमवार को थौबल मेला ग्राउंड में भी विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) को भी जाम कर दिया।

दरअसल, कुकी उग्रवादियों ने तीन युवकों को बंधक बना रखा था, जिनमें से एक को रिहा कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि बाकी दो को भी रिहा किया जाए। पीड़ितों के परिवार भी प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान पीड़ित की मां थोकचोम थोइथोइबा बेहोश हो गईं।

संयुक्त कार्रवाई समिति के प्रतिनिधियों ने सीएम एन बीरेन सिंह से मुलाकात की। उनका कहना है कि राज्य सरकार को दी गई समयसीमा सोमवार दोपहर 1:30 बजे ही समाप्त हो चुकी है। इसलिए वे प्रदर्शन के लिए निकल रहे हैं।

मणिपुर में हिंसा को करीब 500 दिन हो चुके हैं

कुकी-मेइतेई के बीच जारी हिंसा को करीब 500 दिन हो चुके हैं। इस दौरान 237 लोगों की मौत हुई, 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए, 60 हजार लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं। करीब 11 हजार एफआईआर दर्ज की गईं और 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इस दौरान महिलाओं की निर्वस्त्र परेड, सामूहिक बलात्कार, जिंदा जलाना और गला रेतने जैसी घटनाएं हुईं। अभी भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। पहाड़ी जिलों में कुकी और मैदानी जिलों में मैतेई हैं। दोनों के बीच सीमा खींची गई है, जिसे पार करना मौत का मतलब है।

स्कूल और मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिए गए। मणिपुर में हिंसक घटनाओं में अचानक वृद्धि के बाद राज्य सरकार ने 10 सितंबर को 5 दिनों के लिए इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, 12 सितंबर को ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर प्रतिबंध हटा लिया गया था।

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