Mallikarjun Kharge Vs Jagdeep Dhankhar INDIA Alliance | BJP RSS: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर इंडिया ब्लॉक ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- सभापति राज्यसभा में स्कूल के हेडमास्टर की तरह व्यवहार करते हैं। अगर कोई विपक्षी सांसद 5 मिनट भाषण देता है तो वह उस पर 10 मिनट तक टिप्पणी करते हैं।
Mallikarjun Kharge Vs Jagdeep Dhankhar INDIA Alliance | BJP RSS: सदन के अंदर सभापति विपक्षी नेताओं को अपना विरोधी मानते हैं। चाहे सीनियर हो या जूनियर, वह विपक्षी नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर उनका अपमान करते हैं। उनके व्यवहार के कारण हमें अविश्वास प्रस्ताव लाने पर मजबूर होना पड़ा है।
सदन में अनुभवी नेता हैं, पत्रकार हैं, लेखक हैं, प्रोफेसर हैं। वे कई क्षेत्रों में काम करके सदन में आए हैं। उनके पास 40-40 साल का अनुभव है, सभापति ऐसे नेताओं को लेक्चर भी देते हैं।
Mallikarjun Kharge Vs Jagdeep Dhankhar INDIA Alliance | BJP RSS: आमतौर पर विपक्ष सभापति से सुरक्षा चाहता है, अगर सभापति खुद प्रधानमंत्री और सत्ताधारी पार्टी की तारीफ कर रहे हों तो विपक्ष की कौन सुनेगा।
Mallikarjun Kharge Vs Jagdeep Dhankhar INDIA Alliance | BJP RSS: 3 साल में धनखड़ का आचरण पद की गरिमा के विपरीत रहा है। कभी वे सरकार की तारीफ करते हैं तो कभी खुद को आरएसएस का एकलव्य बताते हैं। इस तरह के बयान उनके पद के अनुरूप नहीं हैं।
जब भी विपक्ष सवाल पूछता है तो चेयरमैन खुद मंत्रियों के सामने सरकार की ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं। हमारी उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी, द्वेष या राजनीतिक लड़ाई नहीं है।
Mallikarjun Kharge Vs Jagdeep Dhankhar INDIA Alliance | BJP RSS: हम देश के नागरिकों से विनम्रतापूर्वक कहना चाहते हैं कि हमने संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए यह कदम सोच-समझकर मजबूरी में उठाया है।
खड़गे ने राधाकृष्णन की कहानी सुनाई
चेयरमैन राजनीति से परे होता है। आज चेयरमैन नियमों को छोड़कर राजनीति ज्यादा कर रहा है। अंबेडकर जी ने संविधान में लिखा है कि भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का चेयरमैन होगा।
Mallikarjun Kharge Vs Jagdeep Dhankhar INDIA Alliance | BJP RSS: पहले राज्यसभा चेयरमैन राधाकृष्णन ने 1952 में सांसदों से कहा था कि मैं किसी पार्टी से नहीं हूं। इसका मतलब है कि मैं सदन की हर पार्टी से जुड़ा हूं।
आई.एन.डी.आई.ए. ब्लॉक नेता ने कहा- धनखड़ विपक्ष की आवाज दबा रहे हैं
टीएमसी नेता नदीम उल हक ने कहा- हम अपने चेयरमैन के व्यवहार से खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। हमें बोलने का मौका नहीं मिल रहा है। सत्ता पक्ष को पूरा मौका मिलता है।
सपा के जावेद अली खान ने कहा- अगर विपक्षी दल के नेता कुछ कहना चाहते हैं तो चेयरमैन आदेश देते हैं कि कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा। यह अच्छा नहीं लगता कि हम देश के दूसरे सबसे बड़े पद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं।
आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा- सत्ता पक्ष के नेता जिस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे मैं दुखी हूं। अगर कल सरकार बदल गई तो क्या हम लोकतंत्र को कायम रख पाएंगे?
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा- मैं 22 साल से सदन में हूं और 4 चेयरमैन देख चुका हूं। आज जो स्थिति मैं देख रहा हूं, वह मैंने पहले कभी नहीं देखी। हमारे चेयरमैन साहब को मजा आता है। वे संसद नहीं सर्कस चला रहे हैं।
डीएमके नेता तिरुचि शिवा ने कहा- जब विपक्षी नेता बोलते हैं तो माइक तक बंद कर दिया जाता है। जब सत्ताधारी पार्टी कुछ बोलती है तो अगले दिन वह सुर्खियाँ बन जाती है। यानी हम जो भी बोलते हैं, वह नहीं सुना जाता। हमारी बात लोगों तक नहीं पहुँचती।