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Tehsildar तबादले पर High Court की रोक: एसोसिएशन अध्यक्ष ने कहा था-मंत्री ने पैसे लेकर किया ट्रांसफर, जानिए क्या बोला कोर्ट ?

High Court Stays Transfer Of Chhattisgarh Tehsildar: हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के 18 तहसीलदारों के तबादले पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि सभी तहसीलदार अपना आवेदन सरकार को सौंप दें। इसके लिए 45 दिन का समय दिया गया है। कोर्ट ने सरकार से तहसीलदारों के आवेदनों पर विचार करने के लिए कमेटी बनाने को भी कहा है।

हाईकोर्ट ने कहा कि कमेटी इस बात की समीक्षा करेगी कि उनका तबादला नियमानुसार हुआ है या नहीं। हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद अब सभी तहसीलदार अपने मूल स्थान पर ही पदस्थ रहेंगे। वहीं जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर तबादले का आरोप लगाया था।

क्या था तहसीलदार तबादला मामला?

दरअसल, सितंबर माह में राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला किया गया था। इसमें 55 तहसीलदार शामिल थे। तबादले पर जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने कहा था कि 2 साल में उनका 6 बार तबादला हो चुका है। वहीं, महज 4 महीने में उनका 4 बार तबादला हो चुका है। इसके बाद नीलमणि को निलंबित कर दिया गया।

महिला से मांगे गए थे 15 लाख

इसके साथ ही एक और आरोप था कि एक महिला तहसीलदार का 9 महीने में 3 बार तबादला किया गया। जब उसने पारिवारिक कारणों से अपने जिले में तबादले के लिए आवेदन किया तो 15 लाख रुपए मांगे गए।

आदेश से एक तहसीलदार का नाम गायब

वहीं, एक अन्य तहसीलदार ने कहा था कि वह 5 साल से बस्तर संभाग में है। लगातार 3 साल से वह सुदूर अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ है। तबादला सूची में उसका नाम था, लेकिन आदेश में उसका नाम गायब हो गया।

तहसीलदारों और अधिकारियों ने दायर की थी याचिका

तबादले को लेकर 18 से अधिक तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट से 18 लोगों को राहत मिली है। इसमें तहसीलदार नीलमणि दुबे, अभिषेक राठौर, पेखन टोंडरे, प्रेरणा सिंह, राजकुमार साहू, राकेश देवांगन और जयेंद्र सिंह ने याचिका दायर की थी।

इसके साथ ही प्रियंका बंजारा, प्रियंका टोप्पो, गुरुदत्त पंचभाई, सरिता मढ़रिया, नायब तहसीलदार विपिन बिहारी पटेल, दीपक चंद्राकर, कमलावती, माया अंचल समेत 18 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

मंत्री पर पैसे लेकर तबादला करने का आरोप

सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर तबादला करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि तबादले में मापदंड का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है। उन्होंने कहा, तबादला आदेश के खिलाफ हम हाईकोर्ट जाएंगे। वहीं, भूपेश बघेल ने इस पर सीएम से जवाब मांगा था।

तबादले को लेकर मंत्री कुछ नियम बताएं

जूनियर प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि मंत्री कुछ मापदंड बताएं कि 2 साल से अधिक या 3 साल से अधिक समय से तबादला करने वाले का तबादला हुआ है या नहीं। ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कुछ नियम तो होने चाहिए, मंत्री बताएं।

उन्होंने कहा था कि, अगर सरकार और प्रशासन ही नियम-कायदों का पालन नहीं करे तो यह बड़ी विडंबना है। ऐसे में प्रदेश में सुशासन कैसे आएगा? सुशासन सिर्फ नीतियां और नियम बनाने से नहीं आता, बल्कि उनका पालन करने से आता है।

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