छत्तीसगढ़ के रायपुर टिकरापारा थाने के विवादित हवलदार महेश को लाइन अटैच कर दिया गया है। संजय नगर निवासी गैरेज संचालक मोहम्मद शहजाद की खुदकुशी के मामले में उनका नाम आया था। पूरे मामले की अलग से जांच भी शुरू कर दी गई है।
शहजाद ने सुसाइड नोट पर महेश पर झूठे मामले में फंसाकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। अपनी खुदकुशी की वजह इन्हीं लोगों की प्रताड़ना को बताया था। सुसाइड नोट में टिकरापारा थाने के हवलदार महेश सहित साजिद अली, मोइन, निजाम, लक्की, विक्की और अन्य का नाम लिखा था।

इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। इसके अलावा हवलदार महेश को लाइन अटैच कर दिया गया है। वहीं महेश पर सख्त रुख नहीं अपनाने पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
महेश के खिलाफ इलाके में कई शिकायतें हैं। इसके बावजूद लंबे समय से एक थाने में पदस्थ हैं। कुछ समय के लिए डीडी नगर थाने में पोस्टिंग थी, लेकिन जुगाड़ करके वापस टिकरापारा थाने आ गया। यह भी सवालों के घेरे में है। आखिर महेश पर किसका संरक्षण है।
हवलदार के भूमिका की जांच
मामले में हवलदार महेश की भूमिका की जांच की जाएगी। महेश नेताम ही उस मामले की जांच कर रहा था। इस दौरान शहजाद और उसके बेटे को बार-बार थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही थी। प्रताड़ित किया जा रहा था।
अपराध की जांच होगी, विभागीय जांच बाद में
मृतक शहजाद के बेटे के साथ कुछ दिन पहले आरोपियों ने मारपीट की थी। इसकी शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने अपराध दर्ज किया था। इससे नाराज होकर आरोपियों ने टिकरापारा थाने में हवलदार महेश के साथ मिलकर शहजाद, उनके बेटे और अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज करवा दिया था।
कोतवाली थाने के मामले की जानकारी होने के बावजूद टिकरापारा पुलिस ने अपराध दर्ज किया। दुखी होकर शहजाद ने खुदकुशी कर ली थी। मामले में अब पहले अपराध की जांच होगी। इसके बाद विभागीय जांच की कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि हवलदार महेश का नाम सुसाइड नोट में है, लेकिन उसका नाम अरोपी के तौर पर बताने से पुलिस से बच रही है। मामले में जांच की बात कही जा रही है।
हर थाने में ‘सलटारा’ ?
यह देखा जा रहा है कि शहर के हरेक थाने में “सलटारा “हवलदार सिपाही रहते हैं, जिनके माध्यम से थाने में मामले निबटाये या (सलटाये) जाते हैं। ऐसे सिपाही हवलदार सालों से शहरी थानों में पदस्थ रहते हैं। पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक को इन सलटारों पर संज्ञान लेने की आवश्यता है, ताकि पब्लिक को परेशानी न हो।














