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छत्तीसगढ़ में पूर्व गृहमंत्री की पत्नी हारीं चुनाव: मंत्री नेताम के क्षेत्र में भी हारी BJP, जानिए कहां किसने मारी बाजी ?

Former Home Minister’s wife loses election in Chhattisgarh: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में सरगुजा जिला पंचायत की 3 सीटों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। सूरजपुर में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा की पत्नी शशि पैकरा चुनाव हार गई हैं। उनके बेटे लवकेश पैकरा ने चुनाव जीत लिया है।

बलरामपुर जिले में रामविचार नेताम के गृह क्षेत्र से भाजपा समर्थित प्रत्याशी हार गए हैं। छह अधिकृत प्रत्याशियों में से चार ने जीत दर्ज की है।

सरगुजा में भाजपा की जीत

सरगुजा जिले के लुंड्रा और बतौली ब्लॉक में भाजपा समर्थित तीनों सदस्य प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। सरगुजा के जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-8 से भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी निरूपा सिंह ने करीब 2000 मतों से चुनाव जीत लिया है।

क्षेत्र क्रमांक-9 अनारक्षित सीट से भाजपा समर्थित देव नारायण यादव ने करीब 4000 मतों से चुनाव जीत लिया है। उन्होंने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी गंगा राम को हराया है। इस सीट से पूर्व विधायक विजय नाथ सिंह के बेटे शैलेश सिंह और उपेंद्र गुप्ता बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे। क्षेत्र क्रमांक 10 बतौली से भाजपा के नानमणि पैकरा ने जीत दर्ज की है।

सरगुजा में 7 सीटों पर भाजपा

सरगुजा जिला पंचायत में भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 7 हो गई है। पहले चरण में भाजपा समर्थित 3 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। राधा रवि चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हो गई थीं। दूसरे चरण में भाजपा समर्थित सभी 4 उम्मीदवार हार गए।

अंतिम चरण में तीनों उम्मीदवार जीत गए। भाजपा को सिर्फ एक निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य की जरूरत पड़ेगी। जिला पंचायत में कांग्रेस समर्थित 3 उम्मीदवार जीत गए हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 4 है।

सूरजपुर में मां हारी, बेटा जीता, बहुमत के लिए जोड़-तोड़

सूरजपुर में जिले में अंतिम चरण के चुनाव में प्रतापपुर की 3 और ओड़गी की 2 जिला पंचायत सीटों के लिए चुनाव हुआ। इनमें जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-5 से भाजपा समर्थित उम्मीदवार कुसुम सिंह चुनाव जीत गई हैं। पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा की पत्नी शशि कला पैकरा क्षेत्र क्रमांक 06 से चुनाव हार गई हैं। उन्हें बाबूलाल मारापो ने हराया है।

बाबूलाल मारापो पहले संघ प्रचारक रह चुके हैं। रामसेवक पैकरा के बेटे लवकेश पैकरा जिला पंचायत के क्षेत्र क्रमांक 10 से चुनाव जीत गए हैं। यहां भाजपा ने किसी को समर्थन नहीं दिया था। क्षेत्र क्रमांक 11 में भाजपा समर्थित बासुदेव मांझी चुनाव जीत गए हैं।

वहीं, क्षेत्र क्रमांक 12 में भाजपा समर्थित चंद्रमणि पैकरा ने जीत दर्ज की है। पहले चरण में भाजपा के सभी समर्थित उम्मीदवार हार गए थे। सूरजपुर में भाजपा के 5 समर्थित उम्मीदवार जीते हैं। भाजपा से बगावत कर चुनाव जीतने वालों की संख्या तीन है। कांग्रेस के 4 समर्थित उम्मीदवार जीते हैं।

भाजपा बहुमत के करीब है, लेकिन सूरजपुर में जोड़-तोड़ की राजनीति करनी होगी। बलरामपुर में भाजपा को बहुमत, नेताम के गृह क्षेत्र में हार बलरामपुर में भाजपा ने जिला पंचायत में आसानी से बहुमत हासिल कर लिया है। हालांकि मंत्री रामविचार नेताम के गृह क्षेत्र सनावल में तीसरे चरण के चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी को भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

पिछले चरण में बलरामपुर जिले के छह जिला पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव हुए। इनमें रामचंद्रपुर ब्लॉक के क्षेत्र क्रमांक 4 सनावल से भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी उषा देवी करीब 8000 वोटों के भारी अंतर से चुनाव हार गईं। उन्हें कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी साधना यादव ने हराया। यह मंत्री रामविचार नेताम का गृह क्षेत्र है।

क्षेत्र क्रमांक 5 नवाडीह से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी मुंशी राम करीब 9 हजार वोटों से जीते हैं। क्षेत्र क्रमांक 6 से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी बद्री यादव अपने प्रतिद्वंदी राजेश यादव से करीब 2500 वोटों से आगे चल रहे हैं।

वाड्रफनगर ब्लॉक की तीन जिला पंचायत सीटों में से क्षेत्र क्रमांक 1 से भाजपा समर्थित प्रत्याशी अनुसुइया वर्मा चुनाव जीत गई हैं। क्षेत्र क्रमांक 2 से कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार अनिल कुशवाह ने जीत दर्ज की है।

क्षेत्र क्रमांक 3 से भाजपा के राजू सिंह ओइके चुनाव हार गए हैं। उन्हें भाजपा के बागी रामप्रताप सिंह ने नजदीकी मुकाबले में हराया। अंतिम परिणाम सारणीबद्ध होने के बाद आएंगे। बलरामपुर में भाजपा की जीत तय बलरामपुर में 6 सीटों के लिए पहले चरण के चुनाव में पांच सीटों पर अधिकृत उम्मीदवार जीते थे और एक सीट पर विधायक उदेश्वरी पैकरा के पति और भाजपा से बागी हुए पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा ने चुनाव लड़ा था।

दूसरे चरण में दो सीटों के लिए हुए चुनाव में दोनों समर्थित उम्मीदवार जीते थे। अंतिम चरण में भाजपा के तीन अधिकृत उम्मीदवार चुनाव जीते थे। भाजपा के 10 समर्थित उम्मीदवारों की जीत के बाद भाजपा को यहां कोई परेशानी नहीं है।

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