Chhattisgarh Vaccination Child Death Case Update Bilaspur Surguja News: छत्तीसगढ़ में टीकाकरण के बाद चौथे बच्चे की मौत हो गई है। सरगुजा में मंगलवार को 3 महीने की बच्ची को टीका लगाया गया था और बुधवार को उसकी मौत हो गई। मौत पर सरगुजा सीएमएचओ डॉ. प्रेम सिंह मार्को ने बताया कि बच्ची की सांस की नली और गले में दूध फंसा हुआ मिला है। विसरा और खून के नमूने सुरक्षित रखे गए हैं।
इससे पहले टीकाकरण के 36 घंटे के भीतर बिलासपुर में 2 और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 1 बच्चे की मौत हो गई थी। जीपीएम में जांच कमेटी ने टीका से मौत की बात को खारिज कर दिया था, जबकि परिजनों ने रिपोर्ट को गलत बताया था।
परिजनों ने कहा-टीकाकरण के बाद बच्ची की मौत
जानकारी के अनुसार मैनपाट ब्लॉक के परपटिया निवासी सहत राम मझवार और फूलमती की 3 महीने की बच्ची रानी को मंगलवार को ढोड़ीटिकरा के आंगनबाड़ी केंद्र में टीका लगाया गया था। टीका लगने के बाद बच्ची को बुखार आ गया।
बुखार के बाद सुबह बच्ची की मौत
टीकाकरण के बाद बच्ची की मौत की जानकारी परिजनों ने दी। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य अमले को बताया कि बुधवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे बच्ची की मौत हो गई। स्वास्थ्य अमले ने इसकी सूचना सरगुजा सीएमएचओ को दी।
टीकाकरण के बाद अन्य बच्चे सामान्य
मैनपाट के ढोडीटिकरा आंगनबाड़ी केंद्र में मंगलवार को 7 बच्चों को पेंटावेलेंट का टीका लगाया गया। स्वास्थ्य अमले ने अन्य बच्चों के परिजनों से भी संपर्क किया। अन्य बच्चों को सामान्य बुखार था, जिनकी बुधवार को हालत सामान्य बताई गई। सिर्फ फूलमती की बेटी की मौत हुई।
टीकाकरण में बरती गई लापरवाही
बच्ची के पिता सहत राम मझवार ने बताया कि उनके 3 बच्चे हैं, जिसमें से एक बेटी की मौत हो गई। टीकाकरण में लापरवाही बरती गई। पिता ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बच्ची को दो टीके लगाए गए हैं।
सीएमएचओ ने कहा- दूध फंसने से हुई मौत
सरगुजा सीएमएचओ डॉ. प्रेम सिंह मार्को ने बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान बच्ची के नाक और सांस की नली में दूध फंसा हुआ मिला है। आशंका है कि रात में रोने पर मां ने बच्ची को दूध पिलाया होगा। इस उम्र के बच्चे दूध पीने के बाद उल्टी करते हैं। आशंका है कि सांस की नली में दूध फंसने से उनकी मौत हुई है।
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्तरीय टीम गठित की
मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा था कि टीकाकरण से 6 बच्चे सुरक्षित हैं। इसी बैच के टीके से पहले भी 9000 टीकाकरण किए गए थे। इसमें किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आई थी। 2 बच्चों की मौत क्यों हुई, यह जांच का विषय है, इसके लिए राज्य स्तरीय टीम गठित की गई है।
बिलासपुर में 2 बच्चों की मौत
24 दिन पहले बिलासपुर में टीकाकरण से दो बच्चों की मौत हो गई थी। 7 बच्चों को बीसीजी और पेंटावेलेंट के टीके लगाए गए थे, जिसके बाद 2 बच्चों की मौत हो गई थी। वहीं, बाकी 5 बच्चों की भी तबीयत खराब हो गई थी। उस बैच के टीके पर रोक लगा दी गई थी।
मामले में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी जिला अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने प्रभावित बच्चों का हाल जाना और उनके परिजनों से बात की। इसके बाद उन्होंने जांच की मांग करते हुए सवाल उठाए कि क्या सरकार इसमें कुछ छिपा रही है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 1 बच्चे की मौत
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के सेमरारडी गांव में डेढ़ महीने की आदिवासी बच्ची की टीकाकरण के बाद मौत हो गई। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की।
टीकाकरण से मौत की बात को खारिज किया गया। हालांकि इस जांच रिपोर्ट पर सवाल भी उठे। परिजनों ने कहा कि जांच में उन्हीं कर्मचारियों को शामिल किया गया जो टीकाकरण के लिए जिम्मेदार थे।