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बार-बार मायके चली जाने वाली पत्नी का तलाक: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बोले- माता-पिता से अलग रहने की जिद पति पर क्रूरता, जानिए और क्या कहा ?

Chhattisgarh High Court Husband-Wife Divorce Order: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बार-बार मायके चली जाने वाली पत्नी को लेकर सख्त टिप्पणी की है। साथ ही कोर्ट ने पति के तलाक की अर्जी को मंजूर कर लिया है, जबकि पत्नी की अपील को खारिज कर दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने वाली पत्नी को एकमुश्त 5 लाख रुपए गुजारा भत्ता देने का भी आदेश दिया है।

Chhattisgarh High Court Husband-Wife Divorce Order: कोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी बार-बार मायके जाती है और पति को उसके माता-पिता से अलग रहने की जिद करती है, तो यह पति के साथ मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। इस तरह की परिस्थितियों में पति तलाक पाने का हकदार है।

दरअसल, मुंगेली जिले के नवागांव की रहने वाली महिला की शादी 2 मई 2017 को बेमेतरा के रहने वाले युवक से हुई थी। उनकी शादी हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। शादी के 6 महीने तक तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन अचानक उसकी पत्नी का व्यवहार बदल गया। वह बार-बार मायके जाने की जिद करने लगी।

Chhattisgarh High Court Husband-Wife Divorce Order: इसके बाद वह अपने पति पर उसके माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाने लगी। पति का आरोप है कि धीरे-धीरे पत्नी का व्यवहार बदलने लगा। वह छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करने लगी, लेकिन युवक अपने माता-पिता से अलग नहीं रहना चाहता था।

प्रताड़ित करने के लिए घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया

इस दौरान महिला ने अपने पति और ससुराल वालों को परेशान करने के लिए घरेलू हिंसा का झूठा केस दर्ज करा दिया। आपराधिक केस दर्ज कराने के बाद पति ने तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में परिवाद पेश किया, जिसमें उसने सबूतों के साथ बताया कि उसकी पत्नी उसे मानसिक रूप से परेशान करती है।

पति को छोड़कर मायके चली गई, फैमिली कोर्ट ने दिया तलाक का आदेश

Chhattisgarh High Court Husband-Wife Divorce Order: पति ने फैमिली कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी हर 15-20 दिन में मायके चली जाती थी, जिसके बाद वापस आने पर उसका व्यवहार क्रूर हो जाता था। पति ने यह भी बताया कि उसकी पत्नी 15 अप्रैल 2019 से अपने पिता के घर रह रही है।

Chhattisgarh High Court Husband-Wife Divorce Order: जब पति उसे लेने गया तो उसने साथ आने से इनकार कर दिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैमिली कोर्ट ने 23 नवंबर 2019 को पति के पक्ष में तलाक का आदेश जारी कर दिया। साथ ही पत्नी को हर महीने 5 हजार रुपए भरण-पोषण देने का आदेश दिया।

पत्नी ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की

फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील की। ​​मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने माना कि पति ने मानसिक क्रूरता का आरोप साबित कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी के व्यवहार के कारण फैमिली कोर्ट द्वारा जारी तलाक का आदेश जायज है।

Chhattisgarh High Court Husband-Wife Divorce Order: पत्नी की अपील को खारिज करते हुए कोर्ट ने उसे भरण-पोषण के लिए एकमुश्त 5 लाख रुपए स्थायी भरण-पोषण भत्ता देने का आदेश दिया है।

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