Chhattisgarh High Court allows girl to have abortion: बिलासपुर हाईकोर्ट ने 17 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को मानवीय आधार पर गर्भपात की अनुमति दे दी है। हाईकोर्ट ने पहले मेडिकल जांच कराई और डॉक्टरों की राय मांगी। रिपोर्ट में पता चला कि लड़की 21 सप्ताह की गर्भवती है। उसका गर्भपात कराया जा सकता है।
Chhattisgarh High Court allows girl to have abortion: अब जस्टिस एनके चंद्रवंशी ने पीड़िता का गर्भपात रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की निगरानी में कराने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, बलौदाबाजार जिले की एक नाबालिग की एक युवक से जान-पहचान हुई। जिसके बाद उसने उसे प्यार के जाल में फंसाया। शादी का वादा किया। युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। जिससे वह गर्भवती हो गई।
Chhattisgarh High Court allows girl to have abortion: युवक ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया। जिस पर उसने थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।
लड़की और उसके परिजनों ने गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर की
गर्भवती लड़की और उसके परिजनों ने बिन ब्याही मां बनने पर आपत्ति जताई। इसलिए पहले उन्होंने स्थानीय प्रशासन से गर्भपात कराने की अनुमति मांगी। लेकिन कानूनी प्रावधानों के चलते उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात कराने की अनुमति मांगी।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए लड़की की मेडिकल जांच कराने के निर्देश दिए। जांच के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों ने दी रिपोर्ट गर्भपात की अनुमति देने से पहले कोर्ट ने पीड़िता की शारीरिक और मानसिक स्थिति की जांच के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से रिपोर्ट मांगी थी।
रिपोर्ट में पीड़िता को एनीमिया और सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित बताया गया था, जिसके चलते गर्भ को बनाए रखना उसके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता था। भ्रूण और रक्त के नमूने सुरक्षित रखने के निर्देश हाईकोर्ट ने गर्भपात के बाद भ्रूण के ऊतक और रक्त के नमूने सुरक्षित रखने के भी निर्देश दिए हैं।
Chhattisgarh High Court allows girl to have abortion: कोर्ट का कहना है कि भविष्य में डीएनए जांच की जरूरत पड़ने पर ये नमूने काम आ सकते हैं। स्वास्थ्य को गंभीर खतरा कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गर्भ को रोकने से पीड़िता की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।
Chhattisgarh High Court allows girl to have abortion: साथ ही गर्भपात के दौरान सिकलसेल और एनीमिया जैसी जटिलताओं के चलते खतरा बना रहेगा। अदालत ने यह फैसला नाबालिग और उसके अभिभावकों की सहमति से दिया।