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देवेंद्र यादव, सुबोध, ढेबर, आकाश समेत 13 पर FIR: जाम में यात्री बसें, पब्लिक और एंबुलेंस फंसी रही, दिल्ली में राहुल गांधी से मिले विधायक यादव

Chhattisgarh Congress MLA Devendra Yadav | Balodabazar Violence: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में हुई हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव 7 महीने बाद शुक्रवार को जेल से रिहा हुए। उनकी रिहाई पर जश्न के बाद सड़क पर ट्रैफिक जाम हो गया। इस पर गंज पुलिस ने देवेंद्र यादव, सुबोध हरितवाल, आकाश शर्मा समेत 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

FIR के मुताबिक, देवेंद्र यादव के जेल परिसर से बाहर आने के बाद ये सभी नेता 500 से 600 की संख्या में सड़क पर जमा हो गए। जेल गेट के ठीक सामने कई गाड़ियां खड़ी कर दी गईं, जिससे पूरी सड़क जाम हो गई। चेतावनी दिए जाने के बावजूद किसी ने नहीं सुनी। कई यात्री बसें, आम लोग और एंबुलेंस भी जाम में फंसी रहीं।

देवेन्द्र यादव        –   कांग्रेस विधायक
सुबोध हरितवाल   – प्रदेश महामंत्री
शांतनु झा            – जिला अध्यक्ष, NSUI
आकाश शर्मा         – प्रदेश अध्यक्ष, युवा कांग्रेस
शोएब ढेबर –         कांग्रेस समर्थक
अतीक मेमन –    प्रदेश सचिव, NSUI
फराज –            कांग्रेस कार्यकर्ता
फरदीन खोखर – NSUi कार्यकर्ता
अनवर हुसैन –  कांग्रेस कार्यकर्ता
शेख वसीम –    कांग्रेस कार्यकर्ता
नीता लोधी –        पूर्व महापौर
बाबी पांडे –       कांग्रेस कार्यकर्ता
शिबली मेराज खान – कांग्रेस कार्यकर्ता

वहीं रिहाई के दूसरे दिन देवेंद्र यादव ने पत्नी और बेटे के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। देवेंद्र ने कहा कि बाबा साहब के दिखाए रास्ते पर चलते हुए देश से नफरत की राजनीति को खत्म करने आपने जो बीड़ा उठाया है, वही मेरा आदर्श है। देशभर में किसान, मजदूर आदिवासी, दलित, महिलाओं युवाओं का हक छीना जा रहा है। अधिकारों के लिए हम हमेशा लड़ाई लड़ते रहेंगे।

देवेंद्र बोले- जहां उनकी जरूरत होगी वे बिना डरे जाएंगे

इसके पहले देवेंद्र ने कहा था जहां उनकी जरूरत होगी वे बिना डरे जाएंगे। उन्होंने मामले की CBI जांच मांगी है। देवेंद्र को बर्थडे के दूसरे दिन 20 फरवरी को बेल मिली थी। वे 17 अगस्त 2024 से यानी 192 दिन जेल में बंद थे।

इसके साथ ही भिलाई विधायक को सुप्रीम कोर्ट ने एक और राहत दी है। देवेंद्र की विधायकी निरस्त करने वाली पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका पर रोक लगा दी गई है।

प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका हाईकोर्ट में सुनवाई के लायक है या नहीं, अप्रैल में इस पर सुनवाई होगी। देवेंद्र ने अपने खिलाफ दायर अर्जी को खारिज करने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।

आपराधिक केस और संपत्ति की जानकारी छिपाई- प्रेम प्रकाश पांडेय

देवेंद्र यादव की विधायकी को चुनौती देते हुए प्रेमप्रकाश पांडेय ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। इसमें देवेंद्र यादव पर नामांकन पत्र में आपराधिक केस और संपत्ति की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया गया।

याचिका में बताया गया कि चुनाव आयोग प्रत्येक प्रत्याशी से शपथपत्र में आपराधिक और संपत्ति संबंधी मामलों की जानकारी मांगता है, लेकिन आयोग से जानकारी छिपाना प्रावधानों का उल्लंघन है। कोई उम्मीदवार इस तरह की जानकारी छिपाता है, तो उसका निर्वाचन शून्य घोषित किया जा सकता है।

याचिका में कहा गया है देवेंद्र यादव ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है। साथ ही आपराधिक केस का भी शपथपत्र में जिक्र नहीं किया है।

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