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रायपुर मेकाहारा में चौथे मंजिल में कैसे लगी ? ऑपरेशन थियेटर में तड़पता रहा मरीज, खिड़की काटकर निकाला गया, जानिए क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री ?

CG Raipur Hospital AC Compressor Blast Fire Accident Update: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में मंगलवार दोपहर एसी का कंप्रेसर फटने से आग लग गई। बताया जा रहा है कि मरीज का ऑपरेशन चल रहा था, तभी आग लग गई। कड़ी मशक्कत के बाद 3 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया।

दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर हालात का जायजा भी लिया। मिली जानकारी के मुताबिक, जब आग लगी तो डॉक्टरों ने ऑपरेशन बीच में ही रोक दिया और रेस्क्यू शुरू कर दिया।

इस दौरान मरीज तड़पता रहा। सुरक्षा इंतजाम न होने की वजह से मरीज को निकालने में देरी हुई। मेकाहारा के सुरक्षाकर्मी आग बुझाने की बजाय मीडिया को वीडियो बनाने से रोकते नजर आए।

ट्रॉमा सेंटर के ऑपरेशन थियेटर में लगी आग

बताया जा रहा है कि सबसे पहले ट्रॉमा सेंटर के एक ऑपरेशन थियेटर में आग लगी। इसके बाद आग की लपटें आसपास फैलने लगीं। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन ट्रामा सेंटर में अत्यधिक धुआं भर गया था। इस कारण दृश्यता खत्म हो गई थी।

कटर से खिड़की काटकर मरीज को बाहर निकाला गया

ट्रामा सेंटर के ऑपरेशन थियेटर से मरीज को दरवाजे के जरिए बाहर निकालने की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने खिड़की की ग्रिल को कटर से काटा। एसडीआरएफ की टीम ने डॉक्टरों की मदद से मरीज को बाहर निकाला और दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया।

ग्राउंड फ्लोर से चौथी मंजिल पर फेंका गया पानी

बताया जा रहा है कि ऑपरेशन थियेटर के अंदर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने ग्राउंड फ्लोर से ही चौथी मंजिल की खिड़की पर पानी का छिड़काव किया। इससे ट्रामा सेंटर के एक हिस्से में लगी आग बुझ गई, लेकिन दूसरा हिस्सा जलता रहा।

कलेक्टर ने कहा- मरीज की हालत सामान्य

मामले को लेकर रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल मरीज के घुटने और शरीर के ऊपरी हिस्से का इलाज किया जा रहा था। इस घटना के बाद मरीज को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। फिलहाल उनकी हालत सामान्य है।

जांच के बाद कमियों को दूर करेंगे

ऑपरेशन थियेटर में सुरक्षा व्यवस्था न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के बाद जो भी कमियां सामने आएंगी, उन्हें दूर किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।

जूडा ने कहा- बचाव में डॉक्टर भी घायल हुए

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. धर्मेंद्र और डॉ. सार्थक ने बताया कि इस हादसे के बाद मरीज को बचाने में लगे डॉक्टर भी घायल हुए हैं। हालांकि उनकी हालत सामान्य है। शरीर के अंदर धुआं भर जाने के कारण उन्हें निगरानी में रखा गया है। घटना के बाद डॉ. प्रीतम प्रजापति, डॉ. ओरके, डॉ. अजीन समेत पैरामेडिकल स्टाफ भी बचाव में जुटे रहे।

बचाव करने गए सिपाही की सफेद टी-शर्ट धुएं के कारण काली पड़ गई। चेहरा भी धुएं के कारण काला पड़ गया। सिपाही काफी देर तक ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल के अंदर तलाश करता रहा। इसके बाद सिपाही बाहर आया। आग पर काबू पा लिया गया है।

रेस्क्यू टीम में ये लोग थे शामिल रेस्क्यू में डिविजनल कमांडर अनिमा कुजूर, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट पुष्पराज सिंह, अनिल साहू, अजय सिंह ठाकुर, गुलशन जयसवाल, वाई स्टीफन, पूर्णानंद देवांगन, जागेश्वर, रवींद्र वर्मा, राजकिशोर पाल, पेनु मांडवी, जीतेंद्र यादव, हरीश वर्मा और एसडीआरएफ की टीम शामिल थी.

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