Bengal Doctor Raped Woman Patient Blackmailed: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक निजी डॉक्टर पर महिला मरीज के साथ कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। मामला हसनाबाद इलाके का है।
पीड़िता का कहना है कि वह इलाज के लिए डॉ. नूर आलम सरदार के क्लिनिक गई थी। डॉक्टर ने उसे बेहोश करने वाला इंजेक्शन देने के बाद दुष्कर्म किया।
डॉक्टर ने पीड़ित महिला को ब्लैकमेल करने के लिए बेहोशी की हालत में उसकी अश्लील तस्वीरें भी खींच लीं। इसके बाद उसने तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी और 4 लाख रुपये की मांग की।
पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। एफआईआर के कुछ घंटे बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर ने महिला के साथ कई बार दुष्कर्म किया।
महिला इंजेक्शन नहीं लगवाना चाहती थी।
वह उत्तर 24 परगना के हसनाबाद इलाके में अकेली रहती है। उसका पति विदेश में रहता है। महिला ने अपने पति को फोन पर दुष्कर्म की घटना के बारे में बताया। पति के भारत लौटने के बाद ही दोनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पति ने बताया कि उसकी पत्नी इंजेक्शन नहीं लगवाना चाहती थी, लेकिन डॉक्टर ने कहा था कि इंजेक्शन लगवाने से जल्दी रिकवरी होगी।
इंजेक्शन लगवाने के बाद वह बेहोश होने लगी। डॉक्टर ने उसे बिस्तर पर लेटने को कहा। जब उसे होश आया तो उसने देखा कि उसने कपड़े ठीक से नहीं पहने हैं। उसे पता चला कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है।
बदनामी का डर था
पत्नी पति ने बताया कि घटना के बाद जब डॉक्टर ने उसे ब्लैकमेल किया तो बदनामी के डर से उसकी पत्नी ने आत्महत्या करने की भी कोशिश की। जैसे ही पड़ोसियों ने आत्महत्या के बारे में बताया तो मैं भारत में अपने घर वापस आ गया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बंगाल देश में चौथे स्थान पर एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि 2022 के अपराध आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 34738 मामले दर्ज किए गए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में पश्चिम बंगाल चौथे नंबर पर रहा। 65 हजार 743 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश शीर्ष पर रहा। इसके बाद महाराष्ट्र (45331 मामले) और राजस्थान (45058 मामले) का स्थान रहा।
एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चला है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर (प्रति 1 लाख जनसंख्या पर घटनाओं की संख्या) 2021 में 64.5% से बढ़कर 2022 में 66% हो गई है।
इसमें से 2022 के दौरान 19 महानगरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 48 हजार 755 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (43 हजार 414 मामले) की तुलना में 12.3% अधिक है।