Chhattisgarh FIR Vinay Kumar Jharkhand IAS Officer Liquor Scam FIR Registered: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में झारखंड के आईएएस विनय कुमार चौबे और आबकारी के पूर्व संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। रायपुर ईओडब्ल्यू ने दोनों अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में नया केस दर्ज किया है।
आरोप है कि अफसरों ने भ्रष्टाचार किया है और राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। आईएएस विनय कुमार झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के सचिव रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी दोनों आरोपी अफसरों से पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
वहीं, केस दर्ज होने के बाद झारखंड में सियासी बवाल शुरू हो गया है। पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने सोरेन सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार फिर से घोटाले की तैयारी कर रही है।
जानिए नई एफआईआर में क्या और कौन हैं आरोपी
नई एफआईआर में झारखंड के आईएएस विनय कुमार चौबे, गजेंद्र सिंह, छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा के अलावा झारखंड में शराब सप्लाई, मैनपावर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है। यह एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 420, 120 बी के तहत दर्ज की गई है।
एफआईआर में क्या कहा गया है?
छत्तीसगढ़ में शराब के कारोबार से अवैध कमाई करने वाले सिंडिकेट से कथित तौर पर जुड़े रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य ने विनय कुमार चौबे समेत अन्य आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से झारखंड में भी कारोबार के लिए जनवरी 2022 में शराब बिक्री के नियम बनवाए।
छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन के एमडी अरुणपति त्रिपाठी को झारखंड में कंसल्टेंट बनाया गया। इसके लिए त्रिपाठी को 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। विनय चौबे, गजेंद्र सिंह ने सिंडिकेट को मुनाफा दिखाने के लिए शराब सप्लाई एजेंसी और प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए टेंडर कंडीशन में 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर की शर्त रखी।
झारखंड को राजस्व का भारी नुकसान हुआ एफआईआर में उल्लेख है कि शराब सिंडिकेट की आपराधिक साजिश के कारण झारखंड को 2022-23 में राजस्व का भारी नुकसान हुआ। शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि नियमों में बदलाव कर शराब कंपनियों से करोड़ों रुपये कमीशन लिया गया है।
यह भी कहा गया है कि इससे पहले जांच के दौरान सिद्धार्थ सिंघानिया नामक कारोबारी के पास से एक डायरी मिली थी। इस डायरी में छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में भी शराब के कारोबार को अपने कब्जे में लेने की योजना दर्ज थी।
मरांडी ने कहा- जाने से पहले बड़े घोटाले की तैयारी
झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एफआईआर दर्ज होने के बाद एक बयान में कहा- घोटाले, चोरी और धोखाधड़ी के लिए कुख्यात हेमंत सोरेन सरकार जाने से पहले एक बार फिर बड़ा शराब घोटाला करने की तैयारी में है।
उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पैसा कमाने की आदत से मजबूर हेमंत सोरेन लगातार तीसरी बार शराब नीति में बदलाव कर चुनाव के लिए काला धन जुटाना चाहते हैं। पिछली बार इसमें छत्तीसगढ़ के शराब माफिया शामिल थे।
इस बार सरकार पंजाब और हरियाणा से शराब माफियाओं को लाने की योजना बना रही है। इस घोटाले की पटकथा भी बिरसा मुंडा जेल से लिखी जा रही है। इस बार घोटाले का मुख्य उद्देश्य चुनाव के लिए भारी भरकम फंड जुटाना है।
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान गांव-गांव में शराब बांटी जानी है। सरकार, जिसका कार्यकाल मात्र दो महीने का बचा है, अगले तीन साल तक शराब की दुकानों का ठेका अप्रत्यक्ष रूप से पंजाब और हरियाणा के लोगों को सौंपकर भारी मात्रा में काला धन इकट्ठा करना चाहती है।