Gurugram Elections BJP Minister Public Meeting Less Crowd Haryana Elections: हरियाणा के गुरुग्राम में भाजपा के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ पार्टी छोड़ने वालों का सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा लोगों को अपने साथ जोड़ने में विफल होती नजर आ रही है। शायद इसी वजह से पार्टी के बड़े चेहरों और केंद्रीय मंत्रियों की सभाएं छोटी-छोटी गलियों और मोहल्लों में हो रही हैं, ताकि भीड़ देखने को मिले।
वहीं भाजपा प्रत्याशी मुकेश शर्मा संगठन को साथ लेकर चलने में सफल होते नजर नहीं आ रहे हैं। इसी वजह से पार्टी के अंदर हलचल मची हुई है। गुरुग्राम में टिकट वितरण के बाद से ही भाजपा के अंदर शह-मात का खेल चल रहा है। गुरुग्राम हो या बादशाहपुर, दोनों ही प्रत्याशी अपनों से ही चुनावी जंग में उतरने को मजबूर हैं।
टिकट वितरण के बाद भाजपा के अंदर काफी खींचतान चल रही है। सबसे ज्यादा परेशानी भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ रहे नवीन गोयल कर रहे हैं। वह लगातार भाजपा नेताओं को अपने पक्ष में ला रहे हैं। पार्टी पदाधिकारियों से लेकर संगठन के लोग तक सभी नवीन के साथ जुड़ रहे हैं।
शायद इसी वजह से भाजपा प्रत्याशी मुकेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। न तो संगठन के लोग उनके साथ नजर आ रहे हैं और न ही मतदाता। इसके साथ ही बड़े नेताओं के प्रवेश से भी परेशानी बढ़ती जा रही है।
शायद यही वजह है कि गुरुग्राम और बादशाहपुर में भाजपा के बड़े नेताओं की एंट्री नहीं हुई है। अभी तक गुरुग्राम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा के फायरब्रांड नेता केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ही सभाएं हुई हैं। दोनों ही सभाएं छोटी जगहों, गलियों, मोहल्लों में हुई हैं।
इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि भीड़ की कमी को छिपाना मुख्य उद्देश्य है। जबकि शहर में सेक्टर 5, लेजर वैली पार्क, कोर्ट कांप्लेक्स, सिविल लाइंस एरिया में बड़ी संख्या में लोग जुट सकते हैं।
वहीं, गुटों में बंट चुकी भाजपा में अंदरूनी खींचतान के कारण भीड़ नहीं जुट पा रही है। इससे बचने के लिए भाजपा गलियों, मोहल्लों, छोटी जगहों पर जनसभाएं कर रही है। ताकि विपक्ष और लोग भीड़ का अंदाजा न लगा सकें। अब इसको लेकर शहर में राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म है।
मंत्री पीयूष गोयल का चेतावनी भरा बयान चर्चा में रहा
हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सदर बाजार में नवीन गोयल से मुलाकात के बाद भाजपा में शामिल होने की बात कही थी। इसको लेकर वैश्य समाज में काफी नाराजगी है। इसके बाद समाज खुलकर नवीन गोयल के साथ खड़ा है।
मोहित ग्रोवर को निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल पर भरोसा
कई पार्टियों में रहने के बाद चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए मोहित ग्रोवर अभी तक चुनावी जंग में आक्रामक नजर नहीं आ रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि शायद मोहित ग्रोवर निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल पर भरोसा करके चुनाव जीतने का सपना देख रहे हैं।
उन्हें लगता है कि नवीन जितना चुनाव जीतेंगे, भाजपा को उतना ही नुकसान होगा। इसके चलते वह अपने पंजाबी वोटों के जरिए चुनाव जीत सकते हैं।