Chhattisgarh Hathway Cable Share Fraud Gurucharan Singh Hora IAS Anil Tuteja: छत्तीसगढ़ में हैथवे केबल कंपनी के शेयर हड़पने और उस पर कब्जा करने के आरोप में कारोबारी गुरचरण सिंह होरा, बेटे तरनजीत सिंह होरा और अन्य बड़े कारोबारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
एक कारोबारी ने होरा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने तत्कालीन आईएएस अनिल टुटेजा के साथ मिलकर उसे ऑफिस में बंधक बनाकर रखा, जबरन खाली कागज पर साइन करवाने की कोशिश की। फिर साजिश रचकर कंपनी पर कब्जा कर लिया। पूरा मामला रायपुर के देवेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है।
अभिषेक अग्रवाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह मुंगेली रोड बिलासपुर में रहता है। अभिषेक ने दुलाल बनर्जी, मयूर गोविंद भाई कनानी, सुधीर सरीन, सुनील सेठी, राजेश मित्तल (सभी मुंबई स्थित कंपनी के डायरेक्टर) और संजय खन्ना, गिरिराज गर्ग और गुरमीत सिंह भाटिया के साथ मिलकर रायपुर में केबल टीवी का कारोबार शुरू किया। इस कंपनी का नाम हैथवे मल्टीनेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी था।
खुद को कंपनी का मालिक बताने लगा
अभिषेक ने बताया कि इस कंपनी का ऑफिस पगारिया कॉम्प्लेक्स में था। कंपनी में अभिषेक अग्रवाल का 16.33%, गिरिराज गर्ग का 16.33%, गुरमीत सिंह भाटिया का 16.33% शेयर था। वहीं, करीब 51 फीसदी शेयर हैथवे डाटाकॉम मुंबई के डायरेक्टर के पास था।
मई 2020 तक कंपनी ने अपना काम रायपुर तक फैला लिया। इसके बाद गुरमीत सिंह भाटिया के रिश्तेदार गुरचरण सिंह होरा ने कंपनी में दखल देना शुरू कर दिया। होरा खुद को कंपनी का मालिक बताने लगा। उसने कहा कि गुरमीत सिंह भाटिया सिर्फ नाम के पार्टनर हैं, पैसा उनका है।
केबल कारोबार में हमारा एकाधिकार होगा
अभिषेक ने बताया कि होरा ने कहा कि तुम अपना शेयर मेरे नाम ट्रांसफर कर दो और कंपनी से बाहर निकल जाओ। ऑफिस आना बंद करो, सरकार मेरी है। अनिल टुटेजा की ताकत से तो तुम वाकिफ ही होगे। छत्तीसगढ़ के केबल व्यवसाय में हमारा एकाधिकार हो जाएगा। हम एक-एक करके सबको बाहर निकाल देंगे।
बंधक बनाकर जबरन हस्ताक्षर कराने का प्रयास
16 मई 2020 को जब अभिषेक अपने दो अन्य साथियों के साथ कार्यालय पहुंचा तो वहां गुरुचरण सिंह होरा, उसका बेटा तरनजीत सिंह होरा, अनमोल गरुड़ी, हितेश व्यास और हथियारों से लैस बाउंसर मौजूद थे।
अभिषेक के मुताबिक उसे उसके ही कार्यालय में बंधक बनाकर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया गया। उसने पुलिस से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन छीन लिया गया।
पुलिस ने भी मदद नहीं की
अभिषेक जब देवेंद्र नगर थाने पहुंचा तो वहां मौजूद ड्यूटी इंचार्ज ने भी उसकी मदद नहीं की। इसके बाद तत्कालीन एसपी और रायपुर आईजी से फोन पर शिकायत की गई। लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली।
इस दौरान कुछ अफसरों और राजनीतिक लोगों ने अभिषेक को गुरुचरण सिंह होरा से पंगा न लेने की सलाह दी थी। इसके बाद अभिषेक और उसके पिता अशोक अग्रवाल डर गए।
गजराज पगारिया के घर पर मीटिंग हुई
कुछ दिन बाद उसे पता चला कि उसके खिलाफ देवेंद्र नगर में धारा 420 के तहत एफआईआर दर्ज हो गई है। अभिषेक ने बताया कि उसे समझ आ गया कि यह सब दबाव में किया जा रहा है। जिसके बाद 20 सितंबर 2020 को गजराज पगारिया के घर पर मीटिंग हुई।
जिसमें होरा ने कहा कि उसने हैथवे के मुंबई वाले लोगों से 51 फीसदी शेयर और गिरिराज गर्ग के 16 फीसदी शेयर ले लिए हैं। अब आप भी चुपचाप अपना हिस्सा दे दो। इसके बाद उसने डर के मारे स्टांप पेपर पर साइन भी कर दिए।
हैथवे का नाम बदलकर ग्रैंड अर्श मल्टी नेट प्राइवेट लिमिटेड कर दिया
आरोप है कि होरा ने साजिश के तहत हैथवे कंपनी का नाम बदलकर ग्रैंड अर्श मल्टी नेट प्राइवेट लिमिटेड कर दिया। फिर उसने कंपनी के सारे उपकरण, ऑफिस और दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए।
इसके अलावा कंपनी के करीब 48,500 सेटअप बॉक्स जिनकी कीमत करीब 4 करोड़ 25 लाख रुपए थी। वह अपनी नई कंपनी में इनका इस्तेमाल कर रहा है। इसके अलावा यह भी आरोप है कि केबल ग्राहकों और ऑपरेटरों से होने वाली करीब 7 करोड़ 4 लाख रुपए की आय को धोखाधड़ी के कारण घटाकर 74 लाख रुपए कर दिया गया।
पिछली सरकार के दबाव में किया गया परेशान
अभिषेक ने एफआईआर में कहा है कि गुरुचरण सिंह होरा ने अनिल टुटेजा के जरिए पिछली सरकार के कार्यकाल में पुलिस से डरा धमकाकर परेशान किया। उसने प्रदेश के केबल ऑपरेटरों के खिलाफ करीब 20 फर्जी एफआईआर भी दर्ज कराई हैं। उसने इन एफआईआर की सूची भी पुलिस को दी है। अभिषेक ने पुलिस से मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।