रायपुर\बालोद। छत्तीसगढ़ की बालोद पुलिस पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर पर FIR दर्ज की है। 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन हेडमास्टर ने फांसी लगा ली थी। सुसाइड नोट में मोहम्मद अकबर समेत हरेंद्र नेताम, प्रदीप ठाकुर, मदार खान को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन इसमें एक नया मोड़ आया है। एक लेटर सामने आया है, जिसमें हेडमास्टर ने कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन उस लेटर में पूर्व वन मंत्री अकबर के नाम का कहीं भी जिक्र नहीं है।
मामले में पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने खुद के खिलाफ दर्ज FIR को एक साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि नौकरी लगाने के नाम पर पैसा लेने के आरोपी शिक्षक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप एक साजिश है। उन्होंने दस्तावेज जारी कर मामले का खुलासा किया है।
लोगों से पैसा लेना कुबूल किया था हेडमास्टर
उन्होंने बताया कि 14 अगस्त को शिक्षक देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने थाना प्रभारी डौंडी को आवेदन दिया था, जिसमें लोगों से पैसा लेना कुबूल करते हुए उनके (कुमेटी ) साथ शामिल लोगों के नाम बताये गए हैं। मोहम्मद अकबर ने बताया कि कुमेटी के द्वारा दिया गया आवेदन को सरकार छिपा रही है।
इन लोगों ने थाने में की थी शिकायत
पूर्व वनमंत्री ने कहा कि 6 लोगों में धरम देव संतोष कुमार, कु. डिंपल पिता चंदन सिंह, नंदु निषाद पिता छिकलूराम, लक्ष्मी कुवाची पति मुनेश कुमार, मनोहर लाल पिता पुनाराम, योगेश कुमार केवल सिंह ने डौंडी थाना प्रभारी को एक आवेदन देकर शिकायत की थी।
देवेंद्र ने 9 जुलाई 2022 को पैसा लिया
शिक्षक देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने उन लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर 9 जुलाई 2022 को पैसा लिया है। नौकरी के पूर्व साक्षात्कार के नाम पर उन लोगों को होटल नटराज रायपुर में बुलाया गया था। यहां पर फिजिकल जांच के समय हरेन्द्र नेताम एवं मदार खान उपस्थित रहे।
देवेन्द्र कुमार ने इन लोगों के खिलाफ की थी कार्रवाई की मांग
इसके बाद देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने दिनांक 14.08.2024 को थाना प्रभारी डौंडी को एक आवेदन देकर बताया है कि उसने नौकरी लगाने के नाम पर ली गई राशि को गरियाबंद निवासी मदार खान उर्फ सलीम खान को दिया है।
साथ ही उसने याने देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने लोगों से ली गई राशि वापस नहीं मिलने पर खुद यानि देवेन्द्र कुमार कुमेटी, हरेन्द्र कुमार नेताम और सलीम खान पर कार्रवाई किए जाने की मांग भी आवेदन में की।
देवेंद्र ने थाने में दिए आवेदन में पैसा लेने वालों के बताए थे नाम
देवेन्द्र कुमार कुमेटी के आत्महत्या के बाद कथित पत्र के आधार पर अपने खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज किए जाने पर पूर्व वन मंत्री ने सवाल उठाया है। मोहम्मद अकबर ने कहा कि जिन 6 लोगों ने नौकरी लगाने के नाम पर राशि लिए जाने की शिकायत थाना प्रभारी डौंडी को लिखित में की थी उस शिकायत में उनका (अकबर) का नाम नहीं है।
पूर्व मंत्री ने बताया कि 14 अगस्त को जो आवेदन शिक्षक देवेन्द्र कुमार कुमेटी ने खुद थाना प्रभारी डौंडी को दिया है। उसमें पैसा लेने का जिम्मेदार खुद (देवेन्द्र कुमार कुमेटी), हरेन्द्र कुमार नेता और सलीम खान को बताया है।
पूर्व मंत्री ने बताया कि अचानक पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में उनका (अकबर का) नाम कहां से ला दिया। जिस पत्र को आत्म हत्या करने वाले देवेन्द्र कुमार कुमेटी का लिखा पत्र बताया जा रहा है, उस पत्र की जांच तक नहीं की गई। इससे साफ-साफ साजिश दिख रही है।
मेरी कोई बहन ही नहीं तो भांजा कहां से आ गया- पूर्व मंत्री
पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने साजिश का खुलासा करते हुए कहा कि मदार खान उर्फ सलीम खान को उनका भांजा बताया जा रहा है जबकि उनका कोई भांजा ही नहीं है। अकबर ने कहा कि उनकी कोई बहन ही नहीं है तो भांजा कहां से आ गया। ये बताता है कि साजिश की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की गई है।
कई बार गिरफ्तारी हो चुकी थी, एक केस अभी भी पेंडिंग
गौरतलब है कि ठग मदार खान उर्फ सलीम महासमुंद, फिंगेश्वर, गरियाबंद, अभनपुर, पिथौरा समेत कई थानों में उसके खिलाफ नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने के कई मामले दर्ज थे। कुछ का निराकरण हुआ। मदार खान के महासमुंद के वकील ने चर्चा के दौरान बताया कि एक अपील पेंडिंग है।
सुसाइड नोट में किसका नंबर लिखा ?
वहीं कथित सुसाइड नोट में देवेंद्र ने एक नंबर भी लिखा है जिसको ट्रू कॉलर पर सर्च करने पर किसी मंडावी खोटिया का नाम दिख रहा है। पुलिस इस नंबर की भी जांच कर रही है।
मौत से पहले पुलिस को दिया था आवेदन
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पीड़ितों ने की थी हेडमास्टर के खिलाफ शिकायत
हेडमास्टर का कथित सुसाइड नोट