5 supplementary challans presented against Devendra Yadav: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की न्यायिक हिरासत 21 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। पुलिस ने 5 पूरक चालान पेश किए हैं। लेकिन देवेंद्र का चालान इसमें शामिल नहीं है। देवेंद्र के वकील पुलिस पर चालान पेश करने का दबाव बना रहे हैं।
बलौदाबाजार पुलिस ने अभी तक चालान पेश नहीं किया है। चालान पेश करने में हो रही देरी पर देवेंद्र यादव ने फिर आरोप लगाया है कि जानबूझकर चालान पेश करने में देरी की जा रही है। ताकि उनके खिलाफ आरोप गढ़े जा सकें।
5 अक्टूबर को 90 दिन पूरे हो चुके हैं
5 अक्टूबर को 90 दिन भी पूरे हो चुके हैं। ऐसे में पुलिस को जल्द चालान पेश करना होगा। देवेंद्र के वकील ने उनकी जमानत को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है। इससे पहले 10 सितंबर और 17 सितंबर को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 17 अगस्त को हुई थी गिरफ्तारी
देवेंद्र यादव को 17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तार किया गया था। तब से उसकी न्यायिक रिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। वह रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। पुलिस का तर्क है कि विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने से मामले की प्रगति में देरी हो रही है। जिस पर देवेंद्र के वकील ने कहा कि मोबाइल जमा हो गया है। पुलिस ने डीवीआर की कॉपी लेकर उसे वापस कर दिया।
देवेंद्र पर भीड़ को उकसाने का आरोप
विधायक देवेंद्र यादव को बलौदाबाजार हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। बलौदाबाजार पुलिस ने इस मामले में 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा था कि अगर पुलिस बयान लेना चाहती है तो उनके पास ले जाए। हालांकि पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव बलौदाबाजार गए और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की।
वहीं, बलौदाबाजार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पुलिस के पास देवेंद्र के खिलाफ गवाह हैं। कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। इसी आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
एक साथ चल रही 3 मामलों की जांच
बलौदाबाजार हिंसा देवेंद्र यादव के खिलाफ जांच का पहला मामला नहीं है, कोयला घोटाला और कथित एमएमएस मामले की भी उनके खिलाफ जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर फोटो वीडियो के लिए थाने बुलाया था।
देवेंद्र दोबारा वहां बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा कि वे एक बार थाने जाकर अपना बयान दे चुके हैं। उन्होंने यह भी लिखित में दिया है कि जांच में आगे जो भी पूछताछ या जानकारी की जरूरत है, वे उनके दफ्तर आकर ले लें।
क्या है बलौदाबाजार हिंसा
15 मई को सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किलोमीटर दूर मनकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में स्थापित धार्मिक प्रतीक जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और स्थानीय स्तर पर लगातार प्रदर्शन हुए।
19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार से 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि ठेकेदार नल-जल योजना के काम का पैसा नहीं दे रहा था। इसलिए आरोपियों ने शराब के नशे में तोड़फोड़ की, लेकिन समाज के लोग इस कृत्य से संतुष्ट नहीं थे।
इसी बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान लोग अचानक हिंसक हो गए और हंगामा बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी कार्यालय में आग लगा दी गई। कई वाहन जला दिए गए। इसके बाद कई जनप्रतिनिधियों समेत करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
प्रदर्शन का एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल नजर आए। उन्हें इस मामले में नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।